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CARDIO UKSCI Conference: Highlights from Day 1 & Day 2

कॉर्डियोलॉजी सोसाइटी ऑफ इण्डिया ने मॉर्डन हार्ट उपचार शोध एवम् अनुसंधानों पर किया मंथन

  • उत्तराखण्ड में उत्तराखण्ड चैप्टर ऑफ कॉर्डियोलॉजी सोसाइटी ऑफ इण्डिया की पहली राष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस
  • 15 राज्यों से कॉन्फ्रेंस में आए 100 से अधिक कॉर्डियोलॉजिस्टों ने किया प्रतिभाग

देहरादून। दिल के मरीजांे के लिए अच्छी खबर है। देश के दिग्गज कॉर्डियोलॉजिस्ट देहरादून में एक साथ एक मंच पर जुटे। उत्तराखण्ड चैप्टर ऑफ कॉर्डियोलॉजी सोसाइटी ऑफ इण्डिया (यू.के.सी.एस.आई.) की ओर से देहरादून में राष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया। उत्तराखण्ड चैप्टर ऑफ कॉर्डियोलॉजी सोसाइटी ऑफ इण्डिया की उत्तराखण्ड में यह पहली राष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस है। राष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस में देश के 15 राज्यों से आए 100 से अधिक कॉर्डियोलॉजिस्टों ने प्रतिभाग किया। कॉर्डियोलॉजिस्टों ने ह्दय रोगों के मॉर्डन उपचार, तकनीकों, शोध एवम् अनुसंधान से जु़ड़े महत्वपूर्णं विषयों पर मंथन किया।
शुक्रवार को दो दिवसीय कॉन्फ्रेंस (13-14 दिसम्बर 2024) होटल फेयरफील्ड बॉय मैरियट में नेशनल कॉन्फ्रेंस का शुभारंभ डॉ एस.राधाकृष्णन ने दीप प्रज्जवलन कर किया। डॉ एस. राधाकृष्णन पीडियाट्रिक्स कॉर्डियोलॉजी के पितामाह माने जाते हैं। पीडियाट्रिक इंटरवेंशनल कॉर्डियोलॉाजी में डॉ एस.राधाकृष्णन ने एक नई दिशा दी है। डॉ एस.राधाकृष्णन ने अपनी करियर में कई स्तब करने वाले शोध एवम् अनुसंधान किए हैं। उनके योगदान को देखते हुए पीडियाट्रिक इंटरवेंशनल कॉर्डियोलॉजी में डॉ एस.राधाकृष्णन का नाम बहुत सम्मान के साथ लिया जाता है।
इस कार्यक्रम में डॉ नकुल सिन्हा, विभागाध्यक्ष, कार्डियोलॉजी विभाग, मेदांता लखनऊ ने चिप सैशन पर व्याख्यान दिया। उन्होंने ऐसे हार्ट पेशेंट्स की उपचार की मॉर्डन तकनीकों को रेखांकित किया जो हार्ट की बीमारी के साथ साथ अन्य कई असाध्य एवम् गम्भीर बीमारियों से भी जूझ रहे हैं। ऐसे मरीजों के उपचार के लिए उन्होंने एक्मो ट्रीटमेंट के बारे में विस्तृत जानकारियां सांझा की।

श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल के डायरेक्टर कैथ लैब एण्ड रिसर्च एण्ड क्लीनिकल ट्रायल्स एवम् वरिष्ठ कार्डियोलॉजिस्ट डॉ तनुज भाटिया एवम् डॉ साइं देवरथ ने पैन्बरा इन एक्यूट हार्ट अटैक विषय पर शोध पत्र प्रस्तुत किया जिसे विशेषज्ञों ने विशेष रूप से सराहा। कॉन्फ्रेंस में 25 कॉर्डियोलॉजिस्टों ने शोध पत्र प्रस्तुत किए। तीन श्रेष्ठ शोध पत्रों को पुरस्कृत किया गया। नर्सिंग एवम् टैकनीशियनों के लिए लाइव कोर्स का आयोजन किया गया। 60 नर्सिंग एवम् टैक्नीशियनों ने लाइव कोर्स का लाभ उठाया। हार्ट विशेषज्ञों ने उन्हें महत्वपूर्ण तकनीकों की ट्रेनिंग भी दी।
यूकेसीएसआई कॉन्फ्रेंस के आयोजन अध्यक्ष डॉ अमरपाल सिह गुलाटी ने कहा कि राष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस का उद्देश्य सभी हेल्थकेयर प्रोफेशनल के बीच सामन्जस्य स्थापित करना रहा। कॉर्डियोलॉजी के क्षेत्र में मॉर्डन शोध एवम् अनुसंधानों का आदान प्रदान हो सके, ऐसे प्रयास हम सभी ने किए। कॉन्फ्रेंस की दूसरी  आयोजन चेयरपर्सन डॉ प्रीति शर्मा ने कहा इलाज के साथ साथ ह्दय रोग की रोकथाम भी जरूरी है। व्यस्थित जीवन शैली को अपनाएं, तम्बाकू व नशे के सेवन बिल्कुल भी ना करें। पूरी नींद लें और तनावमुक्त जीवन जीएं।

यूकेसीएसआई कॉन्फ्रेंस के सचिव डॉ तनुज भाटिया ने देश के विभिन्न राज्यों से आए कार्डियोलॉजिस्टों का धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि दिल की बीमारियों से जुड़े रोगियों को किसी मिथक या भ्रामक जानकारी से बचना चाहिए। कुशल चिकित्सक की राय लें।
नेशनल कॉन्फ्रेंस को सफल बनाने में डॉ अमर पाल गुलाटी, अध्यक्ष, यू.के.सी.एस.आई, डॉ प्रीति शर्मा उपाध्यक्ष यू.के.सी.एस.आई, डॉ तनुज भाटिया, सचिव, यू.के.सी.एस.आई, डॉ राजप्रताप, कोषाध्यक्ष, यू.के.सी.एस.आई, डॉ बरुन कुमार, संयोजक, यू.के.सी.एस.आई, डॉ पुनीत सरदाना एण्ड डॉ अमर उपाध्याय समिति अध्यक्ष यू.के.सी.एस.आई, डॉ प्रकाश पंत, डॉ प्रमोद जोशी, डॉ शिष्य पाल सिंह, समिति सदस्य यू.के.सी.एस.आई का विशेष योगदान रहा। 

इंटरवेंशनल स्ट्रक्चरल हार्ट ट्रीटमेंट ह्दय रोगियों के उपचार की एक आधुनिक विधा

  • दिल की असमान्य धड़कन के मॉर्डन उपचार पर बोले विशेषज्ञ
  • उत्तराखण्ड चैप्टर ऑफ कॉर्डियोलॉजी सोसाइटी ऑफ इण्डिया की पहली राष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस का समापन
  • 15 राज्यों से कॉन्फ्रेंस में आए 100 से अधिक कॉर्डियोलॉजिस्टों ने किया प्रतिभाग

देहरादून। उत्तराखण्ड चैप्टर ऑफ कॉर्डियोलॉजी सोसाइटी ऑफ इण्डिया (यू.के.सी.एस.आई.)की राष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस के दूसरे दिन एडवांस स्ट्रक्चरल हार्ट डिजीज एवम् एओर्टिक वॉल्व रिप्पलेसमेंट पर मंथन हुआ। विशेषज्ञ हार्ट चिकित्सकों ने एडवां हार्ट प्रोसीजर एवम् तकनीकों पर जानकारियां सांझा की। शनिवार को दो दिवसीय राष्ट्रीय कॉन्फें्रस का समापन हो गया। राष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस में देश के 15 राज्यों से आए 100 से अधिक कॉर्डियोलॉजिस्टों ने आधुनिक तकनीकों, शोध एवम् अनुसंधान से जु़ड़े महत्वपूर्णं विषयों पर मंथन किया।
शनिवार को कॉन्फ्रेंस के दूसरे दिन का शुभारंभ मुख्य अतिथ डॉ रविन्द्र राव, जयपुर ने किया। डॉ रविन्द्र राव एडवांस स्ट्रक्चरल हार्ट डिजीज़ के इंटरवेंशनल कॉर्डियोलॉजिस्ट हैं। डॉ रविन्द्र राव ने एडवांस इंटरवेंशनल हार्ट प्रोसीजरों के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी दी। उन्होंने ह्दय रोगी की बीमारी और अवस्था के सापेक्ष वाल्व के चयन के मेडिकल पक्ष को समझाया। उन्होंने ट्रांस एओर्टिक नॉन सर्जिकल प्रोसीजर के विभिन्न पक्षों पर प्रकाश डाला।
डॉ देवेन्द्र बिष्ट, इलैक्ट्रो फिजियोलॉजिस्ट चण्डीगढ़ ने धड़कन की असमानता के कारण, उपचार एवम् मॉर्डन प्रोसीजरों के बारे में जानकारिी दी। उन्हांेने समझाया कि धडकन की असमानता के उपचार में क्या सही गाइडलाइन है। उन्होंने दिल की धड़कन की असमानता से जुड़ी कई केस स्टडीज को उदाहरणों सहित समझाया। नेशनल कॉन्फ्रेंस को सफल बनाने में डॉ अमर पाल गुलाटी, अध्यक्ष, यू.के.सी.एस.आई, डॉ प्रीति शर्मा उपाध्यक्ष यू.के.सी.एस.आई, डॉ तनुज भाटिया, सचिव, यू.के.सी.एस.आई, डॉ राजप्रताप, कोषाध्यक्ष, यू.के.सी.एस.आई, डॉ बरुन कुमार, संयोजक, यू.के.सी.एस.आई, डॉ पुनीत सरदाना एण्ड डॉ अमर उपाध्याय समिति अध्यक्ष यू.के.सी.एस.आई, डॉ प्रकाश पंत, डॉ प्रमोद जोशी, डॉ शिष्य पाल सिंह, समिति सदस्य यू.के.सी.एस.आई का विशेष योगदान रहा।